अम्बेडकरनगर। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन इस बार जिला कारागार में भावनाओं, अपनत्व और भाईचारे के अनूठे संगम के साथ मनाया गया। शनिवार सुबह से ही जेल परिसर में चहल-पहल बढ़ गई थी। हाथों में राखी और थाल सजाए बहनें अपने बंदी भाइयों से मिलने पहुंचीं, तो कई की आंखें बरबस नम हो गईं। कुल 596 महिलाएं और उनके साथ आए 206 मासूम बच्चे इस पर्व में शामिल हुए।
कारागार में निरुद्ध 342 पुरुष बंदियों की बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधते हुए तिलक लगाया और मिठाई खिलाकर उनके लंबे जीवन, शीघ्र रिहाई और खुशहाल भविष्य की कामना की। वहीं 7 महिला बंदियों से मिलने के लिए 12 भाई पहुंचे, जिन्होंने बहनों से राखी बंधवाकर अपना प्रेम और अपनत्व जताया। मुलाकात के दौरान कई बार भावुक पल भी देखने को मिले, जब लंबे समय बाद भाई-बहन आमने-सामने मिले।
इस आयोजन की खास बात रही कि मुस्लिम समुदाय की महिलाएं भी इसमें शामिल हुईं। उन्होंने भी हिंदू परंपरा के अनुसार राखी बांधकर सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की मिसाल पेश की। उनके इस कदम ने पर्व को एक नई ऊंचाई दी, जो समाज में एकता और सौहार्द का संदेश देता है।
कार्यक्रम सुबह 7:30 बजे से शाम 3:00 बजे तक चला। कारागार प्रशासन ने बंदियों और परिजनों के लिए शुद्ध पेयजल, बैठने की विशेष व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पूरे दिन वातावरण में अपनापन और रिश्तों की मिठास घुली रही।
इस अवसर पर कारापाल आलोक सिंह, उप कारापाल तेजवीर सिंह एवं सूर्यभान सरोज, कनिष्ठ सहायक अनूप कुमार गोंड, हेड वार्डर राजीव यादव समेत कारागार के अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
