नहरों में पानी की भारी किल्लत, महंगे दामों पर खाद—किसानों की बढ़ी मुश्किलें, भाकियू ने दी आंदोलन की चेतावनी

 


अम्बेडकरनगर। धान की रोपाई का समय सिर पर है, लेकिन जनपद के किसान सिंचाई और खाद की भारी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) की एक अहम बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विनय कुमार वर्मा ने की। बैठक में जिले भर से आए किसानों ने नहरों में पानी की किल्लत, सिंचाई व्यवस्था के ठप होने, और उर्वरकों की भारी कालाबाजारी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। वर्मा ने बताया कि टेल के इलाकों में नहरों से पानी बिल्कुल नहीं पहुंच रहा, जिससे किसानों की धान की रोपाई संकट में है। वहीं दूसरी ओर निजी विक्रेता यूरिया और अन्य उर्वरक निर्धारित दरों से कई गुना अधिक कीमतों पर बेच रहे हैं, जिससे पहले से ही कर्ज और महंगाई से दबे किसानों की कमर टूट रही है।

बैठक में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर भी नाराजगी जताई गई। किसानों ने बताया कि महीनों से धरना प्रदर्शन के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है और प्रशासन उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहा है। यूनियन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो संगठन सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेगा। भाकियू ने प्रशासन से मांग की है कि किसानों को उचित दरों पर खाद उपलब्ध कराई जाए, नहरों से खेतों तक पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और मुआवजा वितरण में हो रही देरी को तत्काल समाप्त किया जाए। बैठक में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आए किसान प्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी समस्याएं रखीं और एकजुट होकर संघर्ष का एलान कि

या।


और नया पुराने