अंबेडकरनगर में 221 बंद प्राथमिक स्कूलों में गूंजेगी बच्चों की किलकारी, बनेंगे आधुनिक आंगनबाड़ी केंद्र

 


अंबेडकरनगर। जिले में शिक्षा व्यवस्था के पुनर्गठन के तहत खाली पड़े 221 प्राथमिक विद्यालय भवनों को अब बच्चों की शुरुआती शिक्षा और पोषण का केंद्र बनाया जाएगा। अगले दो माह के भीतर इन भवनों को आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करने की तैयारी पूरी गति से चल रही है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित इस योजना के तहत उन स्कूल भवनों को चिन्हित किया जा रहा है जो स्थान और मूलभूत सुविधाओं के लिहाज़ से उपयुक्त हैं। अधिकारियों के अनुसार, जिले में पहले से ही 141 आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों में संचालित हो रहे हैं। अब शेष केंद्रों को भी स्थायी रूप से सुचारु भवन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि सेवाओं में निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। योजना की निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारी को शामिल किया गया है। जिले में हाल ही में कई विद्यालयों का एकीकरण किया गया, जिससे भवन खाली हुए हैं। क्षेत्रवार स्थिति देखें तो अकबरपुर में 66, टांडा में 36, कटेहरी में 30, बसखारी और भींयाव में 23-23, रामनगर में 13, भीटी व जहांगीरगंज में 10-10, जलालपुर में 8 और टांडा नगर क्षेत्र में 2 विद्यालय विलय के बाद खाली हुए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी एसके सिंह ने बताया कि भीटी और रामनगर विकास खंडों में सर्वे पूरा हो चुका है और अन्य क्षेत्रों में प्रक्रिया प्रगति पर है। विभाग ऐसे भवनों की पहचान कर रहा है, जिन्हें बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जा सके। साथ ही, जहां जरूरत होगी वहां अतिरिक्त सुविधाएं जैसे शौचालय, पेयजल, रसोईघर व खेल सामग्री भी प्रदान की जाएंगी। यह निर्णय न सिर्फ बंद पड़े भवनों के बेहतर उपयोग की दिशा में उठाया गया सार्थक कदम है, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा।

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