अंबेडकरनगर से उठी इंसाफ की गरज: नसबंदी कांड में कोर्ट का बड़ा फैसला, सीएमओ की गिरफ्तारी को कहा— अब और नहीं चलेगी लापरवाही

 


अंबेडकरनगर। कटेहरी विकास खंड की लीलावती को नसबंदी विफल होने के बाद हुए मानसिक और शारीरिक कष्ट का न्याय अब करीब दिखने लगा है। जिला उपभोक्ता फोरम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की लगातार अनुपस्थिति और आदेशों की अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) को आदेश दिया है कि सीएमओ को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाए।

मामला वर्ष 2010 का है, जब लाखीपुर मिश्रौली निवासी लीलावती ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कटेहरी में नसबंदी करवाई थी। लेकिन यह प्रक्रिया असफल रही और 4 अगस्त 2012 को लीलावती ने एक पुत्री को जन्म दिया। इस दौरान उन्होंने कई बार सरकारी अस्पतालों में जांच कराई, जिससे साबित हुआ कि नसबंदी असफल हुई थी।

लीलावती ने इस संबंध में डॉ. मुकेश चंद्र मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद संख्या 16/2012 दायर किया। मामले की सुनवाई के दौरान 28 दिसंबर 2013 को लोक अदालत में तत्कालीन सीएमओ ने क्षतिपूर्ति देने पर सहमति जताई थी। लेकिन, इसके बावजूद लीलावती को अब तक मुआवजा नहीं मिला। वह कई बार सीएमओ कार्यालय का चक्कर लगाती रहीं, लेकिन न्याय नहीं मिला।

न्यायालय द्वारा सीएमओ को कई बार नोटिस और वारंट भेजे गए, बावजूद इसके वे उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया और एसपी को उन्हें पेश करने का आदेश दिया। साथ ही, पूर्व में जारी वारंट की तामीली न कराने और उसे वापस कर देने के मामले में संबंधित सर्किल ऑफिसर (सीओ) के खिलाफ भी जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

अगली सुनवाई की तिथि 6 अगस्त निर्धारित की गई है। कोतवाल श्रीनिवास पांडेय ने पुष्टि की है कि सीएमओ के विरुद्ध वारंट जारी हो चुका है।

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