इस पूरे मामले की भनक लगते ही हिंदू संगठन से जुड़े नेता अरविंद पांडेय भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि चर्च अवैध रूप से संचालित हो रहा है और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को लक्षित कर उनका मतांतरण कराया जा रहा है। पांडेय ने यह भी दावा किया कि चर्च के संचालन के लिए कोई वैध अनुमति नहीं है और पादरी के पास भी आधिकारिक दस्तावेजों की कमी है। उन्होंने प्रशासन को लिखित शिकायत देने की बात कही है।
वहीं, सीओ सदर नीतीश कुमार तिवारी ने मौके पर मौजूद रहकर स्थिति को नियंत्रित किया और कहा, "प्रथम दृष्टया किसी भी महिला ने जबरन धर्मांतरण की बात नहीं कही है। सभी ने यह स्पष्ट किया है कि वे अपनी आस्था के आधार पर यहां आती हैं।"
पुलिस के अनुसार, अभी तक किसी भी पक्ष द्वारा कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। हालांकि, पूरे घटनाक्रम की जांच जारी है और किसी भी विधि विरुद्ध गतिविधि की पुष्टि होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद से इलाके में चर्चा का माहौल गर्म है, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बनी हुई है। प्रशासन लोगों से संयम बरतने और जांच पूरी होने तक अफवाहों से बचने की अपील कर रहा है।

