अम्बेडकरनगर। जनपद अम्बेडकरनगर को बस्ती जिले से जोड़ने वाला बहुप्रसिद्ध टांडा–कलवारी पुल अब मरम्मत के दौर से गुजरने जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए इसकी मरम्मत को स्वीकृति प्रदान कर दी है। आगामी 11 सितंबर से पुल पर यातायात पूरी तरह बंद करके दुरुस्ती का काम शुरू कराया जाएगा। यह कार्य लगभग दो माह तक चलने की संभावना जताई गई है।
प्रशासन ने जारी किया वैकल्पिक मार्ग
मरम्मत अवधि के दौरान वाहनों के लिए रूट डायवर्जन की व्यवस्था की गई है। बस्ती से आज़मगढ़–वाराणसी जाने वाले वाहनों को अब धनघटा बाज़ार होकर बिड़हर घाट मार्ग से गुज़रना होगा। इस वैकल्पिक मार्ग से यात्रियों को करीब 66.5 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यात्रा के दौरान पर्याप्त समय लेकर निकलें और ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग करें।
पहले भी रुका था कार्य
इस पुल की मरम्मत का कार्य पहले मई महीने में शुरू होना था। इसके लिए एनएचएआई ने अनुमति भी मांगी थी, लेकिन उसी दौरान कांवड़ यात्रा का आयोजन होने के कारण प्रशासन ने रूट डायवर्जन की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। फलस्वरूप काम स्थगित कर दिया गया। अब भीड़ का दबाव अपेक्षाकृत कम होने के कारण 11 सितंबर से अनुमति दे दी गई है।
पुल की खराब हालत, छह माह पहले दी गई थी रिपोर्ट
एनएचएआई ने करीब छह महीने पहले ही पुल की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि पुल के बेयरिंग और खंभे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके अलावा पुल की सतह पर बने पैच जगह–जगह उखड़ चुके हैं और ऊपर लगाए गए लोहे के तार (वायरिंग) भी कमजोर पड़ चुके हैं। पुल पर हाईवे का पूरा यातायात उतार देने से दबाव लगातार बढ़ता गया और इसकी उम्र अपेक्षा से कहीं जल्दी कम हो गई।
करोड़ों की लागत से बना था पुल
गौरतलब है कि इस पुल का निर्माण वर्ष 2013 में 1.19 अरब रुपये की लागत से किया गया था। 72 खंभों पर टिका 2231 मीटर लंबा यह पुल क्षेत्र का जीवनरेखा माना जाता है। बस्ती और अम्बेडकरनगर के बीच सीधा संपर्क प्रदान करने वाले इस पुल पर भारी वाहनों का दबाव शुरू से ही अधिक रहा। हाईवे के लिहाज से यह पुल संकरा भी महसूस किया जाता रहा है।
निर्माण कंपनी को मिला टेंडर
मरम्मत कार्य के लिए निर्माण कंपनी को टेंडर आवंटित कर दिया गया है। कंपनी का लक्ष्य है कि दो माह की निर्धारित अवधि में पुल को पूरी तरह दुरुस्त कर लिया जाए ताकि यातायात सुचारू रूप से बहाल हो सके।
यात्रियों को होगी दिक्कत
पुल बंद होने से दो जिलों के बीच आने–जाने वाले यात्रियों और व्यापारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। खासकर बस्ती से अम्बेडकरनगर, आज़मगढ़ और वाराणसी की ओर जाने वाले भारी वाहनों को लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। प्रशासन का कहना है कि यह असुविधा अस्थायी है और मरम्मत पूरी होने के बाद यातायात निर्बाध रूप से शुरू हो जाएगा।

