अम्बेडकरनगर के थाना जहांगीरगंज क्षेत्र में 7 अगस्त की शाम गनपतपुर में हुई एक कथित अपहरण की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी, लेकिन पुलिस की त्वरित और सटीक जांच ने 24 घंटे के भीतर ही इस रहस्य से पर्दा हटा दिया। मोहम्मद इकबाल ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उनकी 24 वर्षीय बेटी उम्मुल खैर फातिमा अपनी बहनों के साथ जा रही थी, तभी सफेद रंग की कार सवार कुछ लोग असलहा दिखाकर उसे जबरन उठा ले गए। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक अजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम सक्रिय हो गई, मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की गई और सीसीटीवी फुटेज, चश्मदीद बयानों के साथ-साथ मुखबिर की सूचनाओं को खंगाला गया। जांच में पाया गया कि कार में केवल एक युवक निसार खां मौजूद था, युवती ने कोई विरोध नहीं किया और रास्ते में मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी कर रही थी। मुखबिर की जानकारी और तकनीकी साक्ष्यों ने प्रेम प्रसंग की आशंका को मजबूत किया। 8 अगस्त को पुलिस ने मंसूरगंज मोड़ के पास बिड़हर बाजार से सफेद हुंडई वेन्यू (UP 58 AD 9688) में बैठी युवती और निसार खां को बरामद कर लिया। पूछताछ में युवती ने साफ कहा कि वह युवक को पहले से जानती है और अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी, किसी ने कोई जबरदस्ती नहीं की। इस आधार पर पुलिस ने दर्ज मुकदमे की धारा 140(1) बीएनएस को बदलकर 87 बीएनएस कर दिया और 183 बीएनएसएस के तहत युवती का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि झूठी या बढ़ा-चढ़ाकर सूचना देने वालों के खिलाफ अलग से कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस पूरी कार्रवाई में उपनिरीक्षक इन्द्रजीत सिंह, हे.का. प्रेमप्रकाश सिंह, का. गौरव यादव, का. रामकुमार जायसवाल, का. काशीनाथ यादव, का. शक्ति सिंह यादव, का. साकेत यादव और म.का. कामिनी वर्मा शामिल रहे, जिन्होंने तेजी और सतर्कता से तथ्यों को सामने लाया।
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