अम्बेडकरनगर ज़िले के शिक्षा जगत से बड़ी ख़बर सामने आई है। शिक्षा विभाग ने हाल ही में निर्णय लिया है कि ज़िले के 36 परिषदीय विद्यालय, जो पहले बंद कर दिए गए थे, अब फिर से शुरू किए जाएंगे। इस फैसले से 943 बच्चों की पढ़ाई एक बार फिर पटरी पर लौट सकेगी।
ये वही बच्चे हैं जिनकी शिक्षा स्कूल बंद होने के कारण अधर में लटक गई थी। कुछ साल पहले, राज्य सरकार ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को पास के विद्यालयों में विलय करने का आदेश जारी किया था। परिणामस्वरूप, कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल बंद कर दिए गए और छात्रों को एक किलोमीटर या उससे भी अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों में भेजा जाने लगा।
दूरी की यह बाधा खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए भारी साबित हुई। रोज़ लंबा सफ़र तय करने से उनकी उपस्थिति घट गई और पढ़ाई में निरंतरता टूटने लगी। ग्रामीणों और अभिभावकों ने इस समस्या को बार-बार उठाया—कभी धरना देकर, तो कभी ज्ञापन सौंपकर। गांव की माताओं और महिलाओं ने भी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
जनदबाव और तर्कसंगत मांग को देखते हुए, शिक्षा विभाग ने मामले पर पुनर्विचार किया। नए आदेश में कहा गया है कि जिन विद्यालयों का विलय एक किलोमीटर से अधिक दूर स्थित स्कूलों से किया गया था, वह अब रद्द किया जाएगा। इसके अलावा, जिन ग्राम पंचायतों में एक भी स्कूल नहीं बचा था, वहां भी फिर से विद्यालय खोले जाएंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि यह फैसला आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा का रास्ता आसान बनाएगा और गांव में फिर से रौनक लौटेगी। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग का आभार जताते हुए इसे “भविष्य निर्माण का सराहनीय कदम” बताया।
