अंबेडकरनगर में अपराध पर नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी शस्त्र लाइसेंस के जरिए बड़े पैमाने पर कारतूसों की अवैध खरीद-फरोख्त कर रहा था। थाना हंसवर और एसओजी की संयुक्त टीम ने शनिवार को इस नेटवर्क का खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें आजमगढ़ का निवासी एक लाइसेंस सप्लायर, अकबरपुर स्थित गन हाउस का मालिक और मुनीम तथा बसखारी क्षेत्र के दो शातिर शामिल हैं। पुलिस ने अवध गन हाउस को भी सीज कर दिया है और बड़ी मात्रा में जिंदा कारतूस, फर्जी शस्त्र लाइसेंस तथा वाहन बरामद किए हैं। इस पूरे मामले की शुरुआत 15 अगस्त को हुई, जब हंसवर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बसखारी निवासी अनुराग यादव को एक अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि अनुराग कारतूस आजमगढ़ जिले के अतरौलिया थाना क्षेत्र निवासी ज्ञानचंद से खरीदता था। पुलिस ने रणनीति बनाकर ज्ञानचंद को फोन कराया और उसे कारतूस देने के बहाने हंसवर बुलाया, जहां से उसकी गिरफ्तारी की गई। पकड़े जाने पर उसके पास से दो फर्जी शस्त्र लाइसेंस और पांच कारतूस .315 बोर बरामद हुए। दोनों लाइसेंसों की जांच में यह साफ हो गया कि वे पूरी तरह से जाली हैं और इन्हीं के आधार पर अकबरपुर के अवध गन हाउस से मानक से कहीं अधिक कारतूस खरीदे गए थे। पुलिस जब गन हाउस का रजिस्टर खंगालने पहुंची तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए—एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग नामों से हस्ताक्षर कर कई लाइसेंसों के जरिए कारतूस खरीदे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मजिस्ट्रेट व क्षेत्राधिकारी नगर को सूचना दी गई और अवध गन हाउस को सीज करा दिया गया। जांच में गन हाउस मालिक सुनीलाल वर्मा और उसके मुनीम विकास कुमार की मिलीभगत भी सामने आई, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर पूछताछ में ज्ञानचंद ने बताया कि उसके पास और भी फर्जी लाइसेंस हैं और उसने हाल ही में बसखारी क्षेत्र के आर्यन यादव उर्फ शनि और हेमंत यादव उर्फ सन्नू को कारतूस बेचे हैं। पुलिस ने दोनों को दबिश देकर पकड़ लिया, जिनके पास से पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए। पकड़ा गया आर्यन यादव पहले भी 302 हत्या और 120बी साजिश के मुकदमे में आरोपी रह चुका है। इस पूरे मामले में थाना हंसवर पर मुकदमा संख्या 143/25 व 144/25 दर्ज किए गए हैं, जिनमें बीएनएस की गंभीर धाराओं के साथ 3/25 आर्म्स एक्ट लगाया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में ज्ञानचंद निवासी अतरौलिया आजमगढ़, सुनीलाल वर्मा निवासी अकबरपुर (अवध गन हाउस मालिक), विकास कुमार निवासी अकबरपुर (गन हाउस मुनीम), आर्यन यादव उर्फ शनि निवासी बसखारी तथा हेमंत यादव उर्फ सन्नू निवासी बसखारी शामिल हैं। बरामदगी में दस जिंदा कारतूस, दो फर्जी शस्त्र लाइसेंस और एक मोटरसाइकिल पाई गई है। इस खुलासे के बाद पूरे जनपद में सनसनी फैल गई है, क्योंकि यह गिरोह लंबे समय से फर्जी लाइसेंस के जरिये कारतूसों का धंधा कर रहा था और गन हाउस के जरिये इसे वैध कारोबार का रूप देने की कोशिश हो रही थी। पुलिस अधीक्षक केशव कुमार के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई में थाना हंसवर, एसओजी और सर्विलांस टीम की संयुक्त भूमिका रही, जिन्होंने तकनीकी निगरानी और जाल बिछाकर इस बड़े नेटवर्क को धर दबोचा। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और फर्जी लाइसेंस बनाने वाले की तलाश कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे की संभावना जताई जा रही है।
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