विवेकानन्द इंटर कॉलेज विद्युत नगर में संस्कृति ज्ञान पुस्तक का भव्य विमोचन, गरिमामयी उपस्थितियों ने बढ़ाया विद्यालय का मान

अम्बेडकर नगर। विद्या भारती के आशीर्वाद से संचालित विवेकानन्द इंटर कॉलेज, विद्युत नगर एक बार फिर ज्ञान, संस्कृति और संस्कारों की ज्योति से आलोकित हुआ। विद्यालय के प्रांगण में प्रधानाचार्य राम तीरथ यादव के दूरदर्शी मार्गदर्शन और स्नेहमयी छत्रछाया में संस्कृति ज्ञान परीक्षा की पुस्तक का भव्य विमोचन हुआ। यह क्षण न केवल विद्यालय परिवार के लिए, बल्कि समूचे जनपद के लिए गौरव का विषय बन गया।

इस गरिमामयी अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अखंड प्रताप सिंह (प्रबंधक विवेकानन्द सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनटीपीसी) ने अपने करकमलों से पुस्तक का विमोचन कर कार्यक्रम की शोभा को चार चाँद लगाए। विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन राजकमल (खंड संघ संचालक), राजेश पाण्डेय, रतन अग्रवाल (विद्यार्थी पुस्तक केन्द्र), डॉ. विद्याराम विश्वकर्मा (प्रबंधक, बाल विद्या मंदिर, हकीमपुर), हृदय राम वर्मा (अभिभावक प्रतिनिधि), महेन्द्र कुमार तथा चंद्रमणि मिश्र जी की उपस्थिति ने वातावरण को और अधिक गौरवशाली बना दिया। मातृ संगठन की बहनों और अभिभावक बंधुओं की उपस्थिति ने इस आयोजन को सच्चे अर्थों में पारिवारिक स्वरूप प्रदान किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ। दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पार्चन के साथ जब वातावरण “या देवी सर्वभूतेषु” की मंगलध्वनि से गूँज उठा तो मानो पूरा प्रांगण सांस्कृतिक आलोक से सरोबार हो गया। तत्पश्चात प्रधानाचार्य ने सभी अतिथियों का तिलक, बैज और अंगवस्त्र से हार्दिक स्वागत कर विद्यालय की परंपरा और आदरभाव की झलक प्रस्तुत की।

अपने उद्बोधन में अध्यक्षता कर रहे राजकमल  ने संस्कृति ज्ञान परीक्षा पुस्तक की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। वहीं डॉ. विद्याराम विश्वकर्मा ने सभी भैया-बहनों को अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रहने का प्रेरक संदेश दिया। कार्यक्रम की पराकाष्ठा तब हुई जब मुख्य अतिथि अखंड प्रताप सिंह ने अपने पाथेय से सभी को अभिभूत कर दिया। उन्होंने कहा – “भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए हमें अपने वर्तमान को संवारना होगा। आज का कर्म ही कल का परिणाम होगा। अतः ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण भाव के साथ हमें अपने कार्य पथ पर अग्रसर रहना चाहिए।”

अंत में, सभी अतिथिगणों के कर कमलों द्वारा संस्कृति ज्ञान पुस्तक का सामूहिक विमोचन हुआ और पूरा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। इस ऐतिहासिक अवसर पर विद्यालय परिवार के सभी आचार्य-आचार्या, भैया-बहन पूर्ण उत्साह व समर्पण के साथ उपस्थित रहे। निस्संदेह, यह आयोजन विद्यालय के स्वर्णिम इतिहास में एक अविस्मरणीय अध्याय के रूप में सदैव स्मरणीय रहेगा।

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