अम्बेडकरनगर: परगना बिडहर के ग्राम ऐनवां में गुरुवार दोपहर को तहसील प्रशासन की कार्रवाई ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। आलापुर तहसीलदार के नेतृत्व में बुल्डोजर के जरिए एक मकान की दालान को जमींदोज़ कर दिया गया, जिससे वहां के लोग चकित रह गए। प्रभावित महिला का दावा है कि उन्होंने यह मकान दशकों पहले खरीदा था और कभी किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई। उन्हें न तो पहले किसी तरह का नोटिस मिला और न ही किसी प्रशासनिक कार्रवाई की जानकारी दी गई।
क्षेत्रीय लेखपाल चंद्रदेव कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई 2020 में दर्ज मामले का परिणाम है। ग्रामसभा बनाम आशिया खातून (पत्नी मो. यूनुस) मामले की मुकदमा संख्या 02835/2020 थी। यह मामला खाद्य गड्ढा से संबंधित था और उसी वर्ष तत्कालीन ग्रामसभा द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर शिकायत की गई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आशिया खातून की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
इसके बाद आलापुर तहसीलदार न्यायालय ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत अंतिम आदेश पारित किया। इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि उक्त भूमि पर अवैध कब्जा है और इसे खाली कराया जाना चाहिए। गुरुवार को इस आदेश के पालन में तहसीलदार, मजिस्ट्रेट और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और बुल्डोजर से कार्रवाई की गई।
लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित भूमि गाटा नंबर 729 के तहत 0.008 हेक्टेयर क्षेत्र में दर्ज है। ग्रामसभा ने यह भूमि खाद्य गड्ढा के लिए निर्धारित की थी, लेकिन कब्जा कर लेने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ। प्रशासन की ओर से बताया गया कि कार्रवाई केवल अदालत के आदेश के अनुपालन में की गई और किसी भी विवाद से निपटने के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
गांव में इस घटना के बाद स्थानीय लोग हक्का-बक्का रह गए। कुछ लोगों ने कहा कि प्रशासन को पहले नोटिस जारी करना चाहिए था ताकि विवाद से बचा जा सके। वहीं, प्रशासन ने मामले को न्यायालयीन आदेश का पालन बताया और कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई की गई।
इस मामले ने फिर से अवैध कब्जे और भूमि विवादों पर प्रशासनिक कार्रवाई की महत्ता को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी कार्रवाई से स्पष्ट संदेश जाता है कि अवैध कब्जा किसी के लिए भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
