भीटी तिवारी चौराहे पर माता जी की भव्य झांकी, क्षेत्रवासियों में उमड़ा उत्साह

बांसगांव। नवरात्र के पावन अवसर पर मंगलवार को भीटी तिवारी चौराहे पर माता जी की भव्य झांकी निकाली गई। क्षेत्रवासियों, व्यापार मंडल समिति और आयोजक मंडली की सक्रिय भागीदारी से इस धार्मिक कार्यक्रम ने पूरे इलाके का माहौल भक्तिमय बना दिया। झांकी देखने के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और देर रात तक श्रद्धालुओं का आना-जाना जारी रहा।

भव्य सजावट और सांस्कृतिक माहौल

माता जी की झांकी को विशेष रूप से फूलों, झालरों और आकर्षक विद्युत झालरों से सजाया गया था। जगह-जगह भक्ति गीतों की धुन पर वातावरण गूंज उठा। व्यापार मंडल समिति और ग्रामवासियों ने मिलकर जगह-जगह प्रसाद वितरण और जलपान की व्यवस्था की थी। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी श्रद्धालु झांकी में शामिल होकर माता रानी के जयकारे लगाते नजर आए।

आयोजन समिति और मुख्य अतिथि

इस भव्य आयोजन के प्रमुख आयोजक सूर्य प्रताप सिंह बंटी, व्यापार मंडल समिति और ग्रामवासी रहे। उनके प्रयास से इस बार की झांकी पूर्व की अपेक्षा और भी आकर्षक और प्रेरणादायक बनी।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मृत्युंजय सिंह (हिन्दू युवा वाहिनी), रणंजय सिंह (अधिवक्ता एवं पूर्व महामंत्री, बार काउंसिल एसोसिएशन बांसगांव) और विकास सिंह (प्रधान, भटवाली बेदौली) उपस्थित रहे। अतिथियों ने झांकी का उद्घाटन करते हुए मां दुर्गा के सामने दीप प्रज्वलित किया और क्षेत्रवासियों के कल्याण की प्रार्थना की।

मुख्य अतिथि मृत्युंजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि—

नवरात्र का यह पर्व भारतीय संस्कृति और आस्था की गहराई से जुड़ा है। ऐसी झांकियां समाज में एकता, सद्भाव और धार्मिक उत्साह का प्रतीक हैं।

वहीं अधिवक्ता रणंजय सिंह ने कहा कि—

माता रानी की झांकी केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को हमारी परंपराओं से जोड़ने का एक माध्यम भी है।

प्रधान विकास सिंह ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण समाज की सक्रिय भागीदारी से ही ऐसे आयोजन भव्य रूप लेते हैं और सामाजिक एकता मजबूत होती है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़

झांकी के दौरान क्षेत्रवासियों के अलावा आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। महिलाओं और बच्चों ने माता जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। पूरा चौराहा भक्ति भाव से सराबोर हो गया। ढोल-नगाड़ों और शंखनाद की ध्वनि से वातावरण और भी अलौकिक प्रतीत हो रहा था।

व्यापारियों ने अपनी दुकानों पर विशेष सजावट की थी। कई स्थानों पर भजन मंडलियों ने देवी गीत प्रस्तुत किए, जिससे श्रद्धालु देर रात तक झांकी का आनंद लेते रहे।

प्रशासनिक व्यवस्था

झांकी के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा। यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इससे श्रद्धालुओं को बिना किसी बाधा के झांकी का आनंद लेने में आसानी हुई।

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