अन्तर्राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड और मानव तस्करी का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

अम्बेडकरनगर थाना टाण्डा और स्वाट/सर्विलांस की संयुक्त पुलिस टीम ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल रहे साइबर फ्रॉड और मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई श्रीमान पुलिस अधीक्षक अम्बेडकरनगर के निर्देशन में, क्षेत्राधिकारी टाण्डा के नेतृत्व और अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी/पूर्वी के पर्यवेक्षण में की गई।

वादी आफताब आलम, निवासी गोसाईगंज, अयोध्या ने पुलिस को बताया कि मोहम्मद खलील और मोहम्मद साद ने उसे विदेश में डाटा एंट्री की नौकरी दिलाने के बहाने Laos भेजा। वहां पहुँचने पर उसे बताया गया कि रात में उसे किसी व्यक्ति के साथ बॉर्डर पार करना होगा और गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में कंप्यूटर से जुड़े काम करने होंगे। बॉर्डर से पहले आफताब ने तीन अन्य युवकों से मुलाकात की, जिन्हें कंपनी में कैद करके साइबर फ्रॉड कराया जा रहा था। विरोध करने पर मारपीट और अमानवीय व्यवहार किया गया। आफताब किसी तरह वहां से भागकर एयरपोर्ट पहुँचा। एयरपोर्ट पर अभियुक्त साद ने उसे वापस लौटने के लिए दबाव डाला और एक महिला को उसे लेने भेजा।

जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि मोहम्मद खलील ने अपनी पत्नी अफसाना बानो के अकाउंट में 25,000 रुपये और मोहम्मद साद के अकाउंट में 50,000 रुपये लिए थे। Laos भेजने से पहले आफताब से 300 USD कैश भी लिया गया। मोबाइल फोन, वीजा, पासपोर्ट, एयर टिकट और चैट के माध्यम से इस पूरे नेटवर्क के साक्ष्य जुटाए गए। खलील ने स्वीकार किया कि साद के निर्देश पर कंप्यूटर जानकार युवकों को Laos और Thailand भेजने पर प्रति व्यक्ति 40,000–50,000 रुपये की रकम ली जाती थी। बैंक स्टेटमेंट में भी इस बात की पुष्टि हुई कि साद ने आफताब को भेजने से पहले 10,000 रुपये UPI के माध्यम से एडवांस में लिए थे।

अभियुक्त मोहम्मद साद Laos से 29 अक्टूबर 2025 को वापस भारत आया और और भी युवकों को डाटा एंट्री की नौकरी का लालच देकर विदेश ले जाने की योजना बना रहा था। उसके पास से आईफोन मोबाइल, क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड और हवाई टिकट बरामद हुए। गिरफ्तार अभियुक्तों में मोहम्मद खलील, पुत्र अमीन, निवासी रसूलपुर मुबारकपुर, थाना टाण्डा और मोहम्मद साद, पुत्र सरवर हुसैन, निवासी येदिलपुर अतरौलिया, थाना अतरौलिया शामिल हैं।

इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में निरीक्षक (अपराध) चंद्र यादव, उपनिरीक्षक राहुल कुमार पाण्डेय, कांस्टेबल धर्मेन्द्र यादव, कांस्टेबल राजकुमार और स्वाट/सर्विलांस टीम के उपनिरीक्षक विनोद यादव, हेड कांस्टेबल प्रभात मौर्य, कांस्टेबल शिवम कुमार, कांस्टेबल कुलदीप और कांस्टेबल राहुल कुमार यादव शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25,000 रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।

पुलिस अब इस प्रकरण में और भी लोगों की संलिप्तता की जानकारी जुटा रही है और अंतर्राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड और मानव तस्करी के अन्य नेटवर्क को उजागर करने के लिए अभियान जारी है।

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