मऊ हत्याकांड में पुलिस की बड़ी कामयाबी: तीन फरार अपराधी धराए, तीन अवैध तमंचों व छह जिंदा कारतूसों के साथ मोटरसाइकिल जब्त


मऊ। जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र में 26 अक्टूबर 2025 को राजेश सिंह उर्फ मन्टू सिंह की क्रूर हत्या के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने शुक्रवार रात को एक जोरदार छापेमारी कार्रवाई को अंजाम देकर तीन फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया, जिनके कब्जे से तीन अवैध देशी तमंचे .315 बोर, छह जिंदा कारतूस, एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल (नंबर UP 54 BA 9235) और दो सैमसंग मोबाइल फोन बरामद हो गए, इस सफलता ने न केवल हत्याकांड की जांच को नई गति प्रदान की है बल्कि अपराधियों के हौसले को भी पस्त करने का काम किया है, पुलिस अधीक्षक मऊ के सख्त निर्देशों पर अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार के कुशल पर्यवेक्षण और क्षेत्राधिकारी मुहम्मदाबाद शीतला प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में थाना रानीपुर की पुलिस टीम ने मुखबिर की गोपनीय सूचना के आधार पर इटौरा-सहाबाद अंडरपास के पास नाइट पैट्रोलिंग के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी, जहां काझा बाजार की ओर से आ रही एक टूटी-फूटी हेडलाइट वाली मोटरसाइकिल पर सवार तीन नवयुवकों को देखते ही टीम ने तुरंत घेराबंदी कर ली और उन्हें काबू कर लिया, पूछताछ में इन युवकों ने अपना नाम क्रमशः गोल्डेन कुमार उर्फ बमबम (22 वर्ष, पुत्र रामअशीष राम, निवासी रामबन काझा जयनाथ पट्टी), अमन सिंह (21 वर्ष, पुत्र हरेंद्र सिंह, निवासी मिर्जापुर) और रौनक खरवार उर्फ बन्टी (23 वर्ष, पुत्र मनोज कुमार खरवार, निवासी ताजपुर मठिया पिपरीडीह, थाना सरायलखांसी) बताया, जो पहले से ही हत्याकांड के पूर्व पंजीकृत मुकदमे संख्या 185/25 धारा 103(1) BNS के अज्ञात अभियुक्तों की श्रेणी में शुमार थे, गहन पूछताछ से खुलासा हुआ कि इस हत्या की साजिश में मुख्य भूमिका विवेक कश्यप (पुत्र सोहन गोड़, निवासी काझा) और मृत्युन्जय राजभर (पुत्र स्वर्गीय राजेश राजभर, निवासी मिर्जापुर) की थी, जबकि गिरफ्तार तिकड़ी ने घटना से पहले निगरानी और रेकी का काम किया था, जिससे यह साफ हो गया कि यह एक सुनियोजित अपराध था जो पुरानी दुश्मनी का नतीजा था, पुलिस ने तुरंत नया मुकदमा संख्या 190/25 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज कर लिया और बरामद हथियारों, कारतूसों व वाहन को सील कर कोर्ट में पेश कर दिया, इस कार्रवाई में थानाध्यक्ष सुभाष चंद्र के नेतृत्व में उ0नि0 अख्तर अली, उ0नि0 रामाज्ञा कुमार, कां0 विपिन कुमार मौर्या, कां0 पंकज यादव, चालक उ0नि0 रवींद्र यादव के साथ स्वाट टीम के प्रभारी उ0नि0 प्रमोद कुमार सिंह, हे0 कां0 राकेश यादव, कां0 बृजेश मौर्या, कां0 वरूण यादव, हे0 कां0 नीरज शर्मा, हे0 कां0 कमलेश कुमार ठाकुर, कां0 ज्ञानेंद्र पांडेय, चालक कां0 विराट पटेल तथा SOG टीम के प्रभारी उ0नि0 मनोज कुमार सिंह, हे0 कां0 लायक हुसैन, कां0 अविनाशधर दुबे, कां0 ऋषभ दिवेदी, कां0 अनिरुद्ध सिंह, कां0 अनुदेष दत्त और चालक हे0 कां0 बब्बन सिंह ने अपनी सतर्कता और टीमवर्क से इस सफलता को हासिल किया, फिलहाल मुख्य हत्यारों की तलाश तेज कर दी गई है और पुलिस का दावा है कि जल्द ही पूरा गिरोह जेल की हवा खिलाएगा, यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर अपराध के खिलाफ पुलिस की दृढ़ता को दर्शाती है बल्कि युवाओं को अपराध की राह से दूर रहने का संदेश भी देती है, जहां एक तरफ हत्या जैसी गंभीर वारदातें समाज को झकझोर रही हैं वहीं दूसरी ओर कानून का डंडा भी उतना ही सख्त साबित हो रहा है।
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